"पिता के गुस्से ने छीन ली बेटी की सांसें: NEET मॉक टेस्ट में कम अंक पर डंडे से पीटकर हत्या "

महाराष्ट्र के सांगली जिले के नेलकरंजी गांव में 17 वर्षीय साधना भोंसले, जो NEET की तैयारी कर रही थी, को उसके पिता धोंडीराम भोंसले ने मॉक टेस्ट में कम अंक लाने पर डंडे से बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। साधना की मां की शिकायत पर पिता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया। धोंडीराम को गिरफ्तार कर 24 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा गया। यह घटना बच्चों पर पढ़ाई के दबाव और माता-पिता की अपेक्षाओं के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है।

Jun 24, 2025 - 16:29
Jun 24, 2025 - 17:18
"पिता के गुस्से ने छीन ली बेटी की सांसें: NEET मॉक टेस्ट में कम अंक पर डंडे से पीटकर हत्या "

महाराष्ट्र के सांगली जिले के नेलकरंजी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। एक 17 साल की होनहार बेटी, साधना भोंसले, जो डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी, अपने ही पिता के क्रूर गुस्से का शिकार बन गई। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने NEET के मॉक टेस्ट में कम अंक हासिल किए। इस छोटी सी बात पर पिता का गुस्सा इतना भड़का कि उसने बेटी को डंडे से इतना पीटा कि उसकी जिंदगी ही छिन गई। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि क्या बच्चों पर पढ़ाई का दबाव और माता-पिता की अपेक्षाएं उनकी जिंदगी से भी भारी हो सकती हैं?

घटना का विवरण: एक सपने का दुखद अंत

साधना भोंसले, जो अपनी मेहनत और लगन से 10वीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक लाई थी, NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) की तैयारी में जुटी थी। पिछले तीन सालों से वह अटपडी में रहकर इस प्रतियोगी परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रही थी। वह एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने अपने पैतृक गांव नेलकरंजी आई थी। इस दौरान उसने एक मॉक टेस्ट दिया, जो NEET की तैयारी का हिस्सा था। लेकिन टेस्ट में कम अंक आने पर उसके पिता, 45 वर्षीय धोंडीराम भोंसले, जो खुद एक स्कूल शिक्षक हैं, आपा खो बैठे।

गुस्से में आकर धोंडीराम ने अपनी बेटी को डंडे से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। साधना की मां और उसका भाई उस वक्त घर में मौजूद थे, लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर सका। पिटाई इतनी क्रूर थी कि साधना के सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत सांगली के उषाकल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने न केवल साधना के परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे गांव में आक्रोश और सदमा फैल गया।

पुलिस कार्रवाही: पिता पर हत्या का आरोप

साधना की मां ने 22 जून को अटपडी पुलिस स्टेशन में अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शिकायत में उन्होंने बताया कि धोंडीराम ने कम अंक आने की बात पर बेटी को बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साधना की मौत का कारण सिर और शरीर पर लगी गंभीर चोटें बताया गया। अटपडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक विनायक साहित ने बताया कि धोंडीराम ने अपनी बेटी की पिटाई करने की बात कबूल कर ली है। उसे 24 जून तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।

साधना का सपना और समाज का दबाव

साधना एक प्रतिभाशाली छात्रा थी, जिसने 10वीं में शानदार प्रदर्शन किया था। उसका सपना डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना था। लेकिन इस घटना ने न केवल उसके सपने को चकनाचूर कर दिया, बल्कि यह भी उजागर किया कि कैसे बच्चों पर पढ़ाई का दबाव और माता-पिता की अत्यधिक अपेक्षाएं