अवैध संबंधों के चलते हत्या, दोषी को उम्रकैद
इटावा में 2020 के हत्याकांड में सिविल इंजीनियर चंदन राय को पत्नी और बेटी की हत्या के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। डिजिटल साक्ष्यों ने साबित किया कि चंदन ने अवैध संबंधों के चलते चलती ट्रेन से दोनों को धक्का दिया था।

फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2020 के सनसनीखेज हत्याकांड में सिविल इंजीनियर चंदन राय चौधरी को अपनी पत्नी पोरवी गांगुली और एक वर्षीय बेटी शालिनी की निर्मम हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला जज (फास्ट ट्रैक) सुनीता शर्मा ने अपने फैसले में इसे "मानवता पर बदनुमा दाग" करार देते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध ने समाज की आत्मा को झकझोर दिया है।
साल 2020 में चंदन राय ने मगध एक्सप्रेस में सफर के दौरान अपनी पत्नी और बेटी को फफूंद स्टेशन के पास चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। शुरुआत में इसे हादसा माना गया, लेकिन पुलिस की गहन जांच में यह योजनाबद्ध हत्या साबित हुई। जांच से पता चला कि चंदन के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे, जिसके चलते वह पत्नी और बेटी को रास्ते से हटाना चाहता था।
डिजिटल साक्ष्य बने निर्णायक
चंदन ने सबूत मिटाने की कोशिश में पोरवी का मोबाइल तोड़कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया, लेकिन मृतका की सिम कार्ड को अपने फोन में इस्तेमाल करने की गलती कर बैठा। शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन जैसे डिजिटल साक्ष्यों ने चंदन की साजिश को बेनकाब कर दिया। ये इलेक्ट्रॉनिक सबूत कोर्ट में निर्णायक साबित हुए।
अभियोजन पक्ष की मजबूत पैरवी
पोरवी के पिता प्रदोष गांगुली ने इटावा जीआरपी में दहेज उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे बाद में हत्या की धारा में बदला गया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 12 गवाहों और वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ मजबूत पैरवी की, जिसके सामने अभियुक्त का कोई बचाव काम नहीं आया।
कोर्ट का संदेश
जज सुनीता शर्मा ने फैसले में कहा कि यह केवल हत्या का मामला नहीं, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाने वाली घटना है। कोर्ट का यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता।