अपहरण की सनसनीखेज वारदात जोधपुर पुलिस का दांवतोड़ अभियान, दो फरार बदमाश धराए...
जोधपुर में एक युवक का अपहरण कर बेरहमी से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने दो फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपी पहले ही जेल भेजा जा चुका है। पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश (IPS) और डीसीपी विनीत कुमार बंसल (IPS) के निर्देश पर गठित टीम ने जोधपुर से दोनों को दबोचा। सख्त पूछताछ जारी है, जिसमें आपराधिक नेटवर्क, पुरानी रंजिश या वसूली के बड़े खुलासे की उम्मीद है। पीड़ित को सुरक्षा दी गई है।
जोधपुर, 12 नवंबर 2025: राजस्थान के जोधपुर शहर में अपहरण और बेरहमी से मारपीट की एक सनसनीखेज घटना ने पुलिस महकमे को हाई अलर्ट पर ला खड़ा किया था। लेकिन जोधपुर पुलिस की फुर्तीली टीम ने इस काले कारनामे के पीछे छिपे दो फरार आरोपियों को चट्टानों की तरह दबोच लिया है। एक आरोपी को पहले ही जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी पुलिस अब बाकी दोनों से सख्ती से पूछताछ कर रही है, जिससे मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह कार्रवाई न केवल पीड़ित युवक को न्याय दिलाने की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि अपराधियों के हौसले को पस्त करने वाली मिसाल भी बन गई है।
घटना का पूरा घटनाक्रम: कैसे बनी एक साधारण शाम अपहरण की भयावह रात?
जानकारी के मुताबिक, यह वारदात हाल ही में जोधपुर के एक व्यस्त इलाके में घटी, जहां बदमाशों ने एक युवक को अगवा कर लिया और फिर उसकी जमकर पिटाई की। पीड़ित युवक, जो स्थानीय स्तर पर अपनी मेहनत से पहचान बना चुका था, शाम के समय अपने दैनिक कामकाज से लौट रहा था। अचानक एक गाड़ी में सवार होकर आए कुछ शातिर अपराधियों ने उसे जबरन खींच लिया। अपहरण के बाद बदमाशों ने उसे एक सुनसान जगह ले जाकर न सिर्फ उसके साथ मारपीट की, बल्कि धमकियां देकर उसकी जिंदगी को दांव पर लगा दिया। पीड़ित को चोटें तो आईं हीं, लेकिन ज्यादा घातक तो मानसिक आघात था, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी।पीड़ित ने तुरंत जोधपुर पश्चिम थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें अपहरण (IPC धारा 363), मारपीट (IPC धारा 323) और आपराधिक धमकी (IPC धारा 506) जैसे गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। शुरुआती जांच में पता चला कि यह घटना आपसी रंजिश या पुरानी दुश्मनी से प्रेरित हो सकती है, लेकिन बदमाशों की पहचान और उनके नेटवर्क का पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती बना। CCTV फुटेज, गवाहों के बयान और तकनीकी निगरानी ने पुलिस को सुराग दिए, लेकिन आरोपी फरार हो चुके थे।
पुलिस का ताबड़तोड़ ऑपरेशन: एक पहले गिरफ्तार, दो अब धराए!
जोधपुर पुलिस ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए एक विशेष जांच टीम गठित की, जिसके नेतृत्व में पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश (IPS) और उपायुक्त पश्चिम विनीत कुमार बंसल (IPS) ने सीधे निगरानी संभाली। टीम ने दिन-रात एक कर दिए—मुखबिरों की मदद से सुराग जुटाए, संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की और अपराधियों के मोबाइल लोकेशन ट्रैक किए। पहला सफल झटका तब लगा जब एक मुख्य आरोपी को उसके छिपने के अड्डे से पकड़ लिया गया। यह बदमाश, जो घटना का केंद्रीय सूत्रधार माना जा रहा था, पहले ही जेल भेज दिया गया। लेकिन बाकी दो फरार सदस्यों ने पुलिस को चकमा देने की पूरी कोशिश की—वे शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में छिपे हुए थे। आखिरकार, गहन निगरानी और सटीक खुफिया जानकारी के दम पर पुलिस ने दोनों को जोधपुर के एक गुप्त ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान अभी गोपनीय रखी गई है, लेकिन स्रोतों के हवाले से बताया जा रहा है कि वे स्थानीय स्तर के शातिर अपराधी हैं, जिनका आपराधिक इतिहास लंबा है।पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश ने बताया, "यह गिरफ्तारी हमारी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का नतीजा है। अपहरण जैसी घटनाओं पर कड़ाई से नकेल कसना जरूरी है, ताकि शहर सुरक्षित बने।" वहीं, उपायुक्त विनीत कुमार बंसल ने जोर देकर कहा कि आरोपी जल्द ही अदालत में पेश किए जाएंगे, और उनके खिलाफ सख्त सजा सुनिश्चित की जाएगी।
पूछताछ से क्या-क्या खुलासे हो सकते हैं? बड़ा नेटवर्क उजागर होने की आशंका
अभी गिरफ्तार दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस सख्त पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक बयानों से संकेत मिले हैं कि यह अपहरण अकेला मामला नहीं, बल्कि एक बड़े आपराधिक गिरोह का हिस्सा हो सकता है। बदमाशों ने कथित तौर पर पीड़ित से रकम वसूलने या पुरानी दुश्मनी चुकाने के इरादे से यह कदम उठाया था। पूछताछ में अगर और नाम उभरते हैं, तो पुलिस अन्य मामलों का भी खुलासा कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में अक्सर ड्रग्स, जुआ या संपत्ति विवाद जैसे बड़े रैकेट जुड़े होते हैं।जोधपुर पुलिस ने पीड़ित युवक को सुरक्षा प्रदान की है और उसके इलाज का खर्च भी वहन करने का आश्वासन दिया है। साथ ही, शहरवासियों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत सूचना दें। यह घटना न सिर्फ अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि कानून की ताकत को भी रेखांकित करती है।जोधपुर जैसे शहर में जहां विकास की रफ्तार तेज है, वहां अपराध की ऐसी घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं। लेकिन पुलिस की इस फुर्ती से लगता है कि शहरवासी जल्द ही सुरक्षित सांस ले सकेंगे।