ईद-उल-अज़हा 2025: बलिदान और भाईचारे का पर्व, देशभर में उत्साह, नेताओं ने दी शुभकामनाएं
भारत में 6-9 जून 2025 को ईद-उल-अज़हा धूमधाम से मनाया जा रहा है, जो बलिदान और भाईचारे का प्रतीक है। मस्जिदों में नमाज़, मांस वितरण और हज की रस्में उत्साह का केंद्र रहीं। नेताओं ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं दीं, जबकि प्रशासन ने शांति सुनिश्चित की। छोटे-मोटे विवादों के बावजूद त्योहार का माहौल खुशनुमा रहा।

दुनियाभर के साथ-साथ भारत में भी 6 से 9 जून तक ईद-उल-अज़हा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। यह इस्लामी कैलेंडर का एक प्रमुख त्योहार है, जो पैगंबर इब्राहिम के बलिदान और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना को याद करता है। देशभर की मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज़ के लिए जनसैलाब उमड़ा, जबकि नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
त्योहार का महत्व और परंपराएं
ईद-उल-अज़हा पैगंबर इब्राहिम की उस कथा को सम्मानित करता है, जब उन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हज़रत इस्माइल की बलि देने की इच्छा दिखाई। शैतान ने उन्हें तीन बार रोकने की कोशिश की, लेकिन इब्राहिम ने दृढ़ता दिखाई और अंत में अल्लाह ने इस्माइल की जगह एक मेमने की बलि स्वीकार की। इस त्योहार में परंपरागत रूप से बकरी, भेड़, बैल या ऊंट की बलि दी जाती है, और मांस को परिवार, पड़ोसियों और गरीबों के बीच बांटा जाता है, जो भाईचारे और उदारता का प्रतीक है।
यह पर्व सऊदी अरब के मक्का में होने वाली वार्षिक हज तीर्थयात्रा के अंतिम चरण के साथ शुरू होता है। हज के दौरान तीर्थयात्री मिना में जमारात परिसर में "शैतान को पत्थर मारने" की रस्म अदा करते हैं, जो इब्राहिम के शैतान के खिलाफ प्रतिरोध को दर्शाता है। इस साल 6 जून की रात को मुज़दलिफा से कंकड़ एकत्र किए गए, और 7 जून को लगभग 16 लाख तीर्थयात्रियों ने इस रस्म को पूरा किया। यह रस्म कुछ के लिए ईश्वर के प्रति समर्पण का गंभीर क्षण है, तो कुछ के लिए बुराई पर विजय का प्रतीक है।
भारत में उत्साह और सुरक्षा व्यवस्था
भारत में ईद-उल-अज़हा का त्योहार शांति और भाईचारे के साथ मनाया जा रहा है। दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह की नमाज़ के लिए भारी भीड़ देखी गई। लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने नमाज़ की अगुवाई की और शांति की दुआ मांगी। प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए, जिसके चलते नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को त्योहार को सकुशल संपन्न कराने के निर्देश दिए। मौलाना खालिद रशीद ने यूपी डीजीपी राजीव कृष्ण से मुलाकात कर सुरक्षा और जानवरों की आवाजाही को लेकर चर्चा की, जिस पर डीजीपी ने उचित इंतजाम का भरोसा दिलाया।
नेताओं की शुभकामनाएं
देश के प्रमुख नेताओं ने ईद-उल-अज़हा के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "ईद-उल-अज़हा की शुभकामनाएं! यह विशेष अवसर हमारे समाज में सद्भाव और एकजुटता के बंधन को और मजबूत करे। सभी लोग खुश और स्वस्थ रहें।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एक्स पर लिखा, "ईद-उल-अज़हा के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह त्योहार हमें बलिदान, प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है।" इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने संदेशों में शांति और समृद्धि की कामना की।
चुनौतियां और विवाद
कुछ स्थानों पर छोटे-मोटे विवाद भी सामने आए। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ईद की नमाज़ के बाद कुछ लोगों द्वारा फिलिस्तीन का झंडा लहराने की खबरें आईं, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। हरियाणा के नूंह में भी नमाज़ के बाद दो पक्षों में झड़प की सूचना मिली, जिसे पुलिस ने तुरंत नियंत्रित किया। इन घटनाओं के बावजूद, प्रशासन की सख्ती और समुदाय के सहयोग से त्योहार का माहौल शांतिपूर्ण रहा।
ईद-उल-अज़हा 2025 भारत में बलिदान, भाईचारे और उदारता के संदेश के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। मस्जिदों में नमाज़, घरों में दावतें और गरीबों के बीच मांस का वितरण इस त्योहार की आत्मा को दर्शाता है। नेताओं और आम लोगों के संदेशों ने इस पर्व को और खास बना दिया। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता और मानवीय मूल्यों को भी मजबूत करता है।