DST कॉन्स्टेबल पर लॉ स्टूडेंट के भाई को धमकाने का गंभीर आरोप: बहन ने डीजी से की शिकायत, बोलीं- जयपुर जाते ही कॉस्टेबल बुला लेता है पूछताछ के लिए
भरतपुर के सुभाष नगर की अर्चना ने DST कॉन्स्टेबल दशरथ मीणा पर भाई मधुसूदन को डेढ़ साल से परेशान करने और धमकाने का आरोप लगाया; जयपुर जाते ही पूछताङ्च बुलाता है और सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटो डालकर डराता है; डीजी से शिकायत की मांग जांच की,
राजस्थान के भरतपुर जिले में डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टास्क फोर्स) में तैनात एक कॉन्स्टेबल पर लॉ के छात्र के भाई को बेवजह परेशान करने और धमकाने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित परिवार की एक युवती ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजी) को शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी कॉन्स्टेबल न केवल पीड़ित को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है, बल्कि सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करके लोगों को डराने-धमकाने का प्रयास भी करता है। इसके बावजूद उच्च अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न होने की बात कही गई है।
शिकायतकर्ता का नाम और पृष्ठभूमि; शिकायत दर्ज कराने वाली युवती का नाम अर्चना है, जो भरतपुर के सुभाष नगर इलाके की निवासी हैं। अर्चना ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका भाई मधुसूदन लॉ का छात्र है और वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन आरोपी कॉन्स्टेबल की लगातार प्रताड़ना के कारण मधुसूदन की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अर्चना ने डीजी को लिखे पत्र में विस्तार से घटनाक्रम का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा है, "मेरा भाई निर्दोष है, फिर भी कॉन्स्टेबल उसे बेवजह निशाना बना रहा है। यह परिवार के लिए बेहद परेशान करने वाला है।"
आरोपों का विस्तार: डेढ़ साल से चली आ रही प्रताड़ना; अर्चना के अनुसार, आरोपी कॉन्स्टेबल दशरथ मीणा भरतपुर डीएसटी में तैनात है। दशरथ मीणा पर करीब डेढ़ साल से मधुसूदन को परेशान करने का आरोप है। शिकायत में खास तौर पर यह उल्लेख किया गया है कि:जयपुर यात्रा पर नजर: जैसे ही मधुसूदन जयपुर जाता है, दशरथ मीणा उसे तुरंत पूछताछ के बहाने बुला लेता है। यह सिलसिला इतना नियमित हो चुका है कि मधुसूदन अब जयपुर जाने से कतराने लगा है।
बेवजह परेशानी: कॉन्स्टेबल का मधुसूदन के साथ कोई व्यक्तिगत या आधिकारिक संबंध होने के बावजूद, वह बिना किसी ठोस कारण के उसे घसीटता है। अर्चना ने आरोप लगाया है कि यह सब "पावर का दुरुपयोग" है, जिसमें कॉन्स्टेबल अपनी वर्दी का फायदा उठाकर निर्दोष को डराने का काम कर रहा है।
सोशल मीडिया पर धमकी: दशरथ मीणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हथियारों (जैसे पिस्टल या अन्य पुलिस उपकरणों) के साथ फोटो और वीडियो पोस्ट करता है। अर्चना का कहना है कि ये पोस्ट स्पष्ट रूप से लोगों को डराने-धमकाने के इरादे से की जाती हैं, जो एक पुलिसकर्मी के लिए अयोग्य आचरण है।,अर्चना ने शिकायत में यह भी जोड़ा कि उनके भाई को इस प्रताड़ना के कारण मानसिक तनाव हो गया है, और वह अपनी परीक्षाओं और करियर पर फोकस नहीं कर पा रहा। "यह सिर्फ एक परिवार की समस्या नहीं, बल्कि पुलिस व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार का उदाहरण है," अर्चना ने पत्र में लिखा।
पहले की शिकायतें और अधिकारियों की लापरवाही; यह पहली बार नहीं है जब दशरथ मीणा के खिलाफ ऐसी शिकायतें सामने आई हैं। अर्चना ने बताया कि परिवार ने पहले भी स्थानीय थाने और उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। "कॉन्स्टेबल के संबंधों के चलते ही उच्च अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं," उन्होंने आरोप लगाया। शिकायत में मांग की गई है कि:दशरथ मीणा के खिलाफ तत्काल जांच शुरू की जाए।,मधुसूदन को पूछताछ के बहाने बुलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।,सोशल मीडिया पोस्ट्स की जांच कर कॉन्स्टेबल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।,पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय प्रदान किया जाए।
डीजी स्तर पर शिकायत: उम्मीद की किरण? अर्चना ने सीधे पुलिस महानिदेशक (डीजी) को पत्र लिखकर मामले को उच्च स्तर पर ले जाने का फैसला किया है। पत्र में उन्होंने भावुक अपील की है, "मेरा भाई एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह की प्रताड़ना उसे तोड़ रही है। कृपया न्याय करें।" अभी तक डीजी कार्यालय से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिकायत की जांच शुरू हो सकती है।
सामाजिक संदर्भ: पुलिस की छवि पर सवाल यह मामला राजस्थान पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। डीएसटी जैसे संवेदनशील विभाग में तैनात अधिकारी का ऐसा व्यवहार न केवल पीड़ित के अधिकारों का हनन है, बल्कि आम जनता के पुलिस के प्रति विश्वास को भी कमजोर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस विभाग को सख्त गाइडलाइंस लागू करने की जरूरत है। इसी बीच, भरतपुर में अन्य स्थानीय निवासियों ने भी गुमनाम रूप से इसी कॉन्स्टेबल के खिलाफ समान शिकायतें होने की बात कही है, हालांकि वे सामने आने से हिचक रहे हैं।