दिल्ली में दिव्या मदेरणा की सियासी हलचल: उपराष्ट्रपति से मुलाकात के क्या हैं मायने?

कांग्रेस की युवा नेत्री और ओसियां की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा इन दिनों दिल्ली में खासी सक्रिय नजर आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ सहित कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात की, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

Apr 3, 2025 - 15:40
दिल्ली में दिव्या मदेरणा की सियासी हलचल: उपराष्ट्रपति से मुलाकात के क्या हैं मायने?

रिपोर्ट/जसवंत सिंह शिवकर - राजस्थान की सियासत में अपनी तेज-तर्रार छवि के लिए जानी जाने वाली कांग्रेस की युवा नेत्री और ओसियां की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा इन दिनों दिल्ली में खासी सक्रिय नजर आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ सहित कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात की, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है। इन मुलाकातों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्या यह कांग्रेस के भीतर उनकी बढ़ती भूमिका का संकेत है या फिर कोई नई सियासी रणनीति का हिस्सा? आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं। 

दिल्ली में मुलाकातों का सिलसिला

2 अप्रैल, 2025 को संसद भवन में दिव्या मदेरणा ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान चूरू से सांसद राहुल कस्वां भी मौजूद रहे। यह मुलाकात महज औपचारिकता नहीं मानी जा रही, क्योंकि दिव्या पिछले कुछ समय से दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और अन्य प्रभावशाली हस्तियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने हाल के दिनों में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा की है, जिससे उनकी सक्रियता और सियासी महत्वाकांक्षा साफ झलकती है।

दिव्या मदेरणा, जो कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव भी हैं, राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। उनके पिता महिपाल मदेरणा राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे हैं, और दिव्या उसी विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी हैं। दिल्ली में उनकी यह सक्रियता न केवल उनके व्यक्तिगत प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है, बल्कि कांग्रेस के भीतर युवा नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में भी एक कदम मानी जा रही है।

मुलाकातों के पीछे क्या है मकसद?

इन मुलाकातों के कई संभावित मायने हो सकते हैं। पहला, यह कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी नजदीकी को दर्शाता है। राजस्थान में कांग्रेस इस समय गुटबाजी से जूझ रही है, और ऐसे में दिव्या का दिल्ली में सक्रिय होना पार्टी के भीतर उनकी स्थिति को मजबूत करने का संकेत हो सकता है। दूसरा, उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदाधिकारी से मुलाकात को एक रणनीतिक कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है, जो उनके सियासी कद को ऊंचा करने में मददगार साबित हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकातें 2028 के विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान में कांग्रेस की जमीन तैयार करने का हिस्सा हो सकती हैं। दिव्या की युवा छवि और जोश को देखते हुए पार्टी उन्हें राज्य में एक बड़े चेहरे के तौर पर पेश करने की योजना बना सकती है। इसके अलावा, चूरू सांसद राहुल कस्वां की मौजूदगी भी इस मुलाकात को खास बनाती है, क्योंकि राहुल हाल ही में BJP से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। यह दोनों नेताओं के बीच समन्वय और एक नई सियासी जोड़ी के उभरने का संकेत भी हो सकता है।

चर्चाओं में क्यों हैं दिव्या?

दिव्या मदेरणा अपने बेबाक बयानों और क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अधिकारियों से टकराव के लिए जानी जाती हैं। ओसियां में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनता के बीच मजबूत पैठ बनाई थी, हालांकि 2023 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कांग्रेस के संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। दिल्ली में उनकी यह सक्रियता इस बात का सबूत है कि वह अपनी हार को पीछे छोड़कर बड़े मंच पर अपनी पहचान बनाने को तैयार हैं।

आगे क्या?

दिव्या की इन मुलाकातों ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा है, बल्कि विपक्षी दलों की नजरें भी उन पर टिक गई हैं। क्या यह मुलाकातें उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ी जिम्मेदारी दिलाने की राह तैयार कर रही हैं? या फिर यह राजस्थान में कांग्रेस की नई रणनीति का हिस्सा है? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में साफ होंगे। फिलहाल, इतना तय है कि दिव्या मदेरणा की दिल्ली में बढ़ती सक्रियता सियासी हलकों में एक नई हलचल पैदा कर रही है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ