ऑपरेशन सिंदूर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान - ऑपरेशन अभी भी जारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि 'ऑपरेशन सिंदूर', जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, अभी भी जारी है। इस सैन्य अभियान में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया। सिंह ने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई बताया और चेतावनी दी कि पाकिस्तान द्वारा स्थिति बढ़ाने पर भारत कड़ा जवाब देगा। ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, और भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी अपनी स्थिति मजबूत की।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के संबंध में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सैन्य अभियान अभी भी जारी है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारतीय सेना ने इस हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। रक्षा मंत्री ने इस ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत कार्रवाई और आत्मरक्षा के अधिकार का प्रतीक बताया है।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और कार्यवाही
ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद (JEM), लश्कर-ए-तैयबा (LET), और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों को नष्ट करना था, जो भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे। भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के चार और PoK के पांच आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट और PoK के कुछ प्रमुख आतंकी गढ़ शामिल थे।
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह कार्रवाई "केंद्रित, मापी-तौली, और गैर-उत्तेजक" थी, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया। भारतीय सेना ने सटीकता और संवेदनशीलता के साथ केवल आतंकी ढांचों को नष्ट किया, जिससे नागरिक ठिकानों को कोई नुकसान न हो। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, और गिनती अभी भी जारी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान
8 मई 2025 को एक सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।" उन्होंने इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि यह एक "ऑनगोइंग ऑपरेशन" है, और इसलिए अभी पूर्ण विवरण देना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान इस मामले को बढ़ाने (एस्केलेट) की कोशिश करता है, तो भारत इसका करारा जवाब देगा।
रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना की प्रशंसा करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेनाओं ने सटीकता, सतर्कता, और मानवीयता के साथ यह कार्रवाई की है। हमने केवल उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा।" उन्होंने इस ऑपरेशन की तुलना रामचरितमानस के सुंदरकांड में हनुमान जी के अशोक वाटिका उजाड़ने के कार्य से की, जहां हनुमान जी ने केवल राक्षसी ढांचों को नष्ट किया था। उन्होंने कहा, "हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है - 'जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे'।"
ऑपरेशन की रणनीति और कूटनीति
ऑपरेशन सिंदूर न केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि भारत की कूटनीतिक रणनीति को भी दर्शाता है। ऑपरेशन के तुरंत बाद, भारत ने अपनी कूटनीतिक मशीनरी को सक्रिय किया और अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, और चीन जैसे देशों के साथ उच्च-स्तरीय संवाद स्थापित किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कई देशों के समकक्ष अधिकारियों से बात की, और भारतीय दूतावासों ने इस कार्रवाई को "नपी-तुली और जिम्मेदार" बताया।
भारत ने यह सुनिश्चित किया कि इस ऑपरेशन की जानकारी प्रमुख वैश्विक शक्तियों को दी जाए, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की स्थिति मजबूत रहे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह कार्रवाई पहलगाम हमले के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा भविष्य के संभावित हमलों की आशंका को रोकने के लिए की गई थी।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन को "अनुचित" और "एक्ट ऑफ वॉर" करार दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जवाबी कार्रवाई का अधिकार होने की बात कही, जबकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत ने आतंकी ठिकानों के बजाय नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिसमें दो मस्जिदें और एक बच्चे की मौत शामिल है। पाकिस्तानी सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भी भारत पर सीमा लांघने का आरोप लगाया। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित थी।
पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन के बाद कश्मीर के पूंछ क्षेत्र में सीजफायर का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी शुरू की, जिसे भारत ने नियंत्रण में लिया।
जनता और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
ऑपरेशन सिंदूर को भारत में व्यापक समर्थन मिला है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने इसे देश की सुरक्षा के लिए एक निर्णायक कदम बताया, जबकि विपक्षी दलों ने भी सेना की कार्रवाई की सराहना की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जय हिन्द, जय हिन्द की सेना।"
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने 55 साल तक देश पर शासन किया, उन्होंने देश को कमजोर किया, जबकि मोदी सरकार ने भारत को वैश्विक मंच पर ताकतवर बनाया।
ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक विशेषताएं
ऑपरेशन सिंदूर की सटीकता और तकनीकी क्षमता ने विशेषज्ञों को प्रभावित किया है। भारतीय सेना ने बिना पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश किए 100 किलोमीटर अंदर तक आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन के वीडियो साझा किए, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की प्रक्रिया दिखाई गई। यह ऑपरेशन भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और सैन्य क्षमता का प्रतीक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से स्पष्ट है कि यह अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है, और भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने में सफल रहा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत को भी प्रदर्शित करता है।