मेडिकल रिपोर्ट में चोट और खरोंच के निशान, CCTV में जबरदस्ती की पुष्टि; SIT अब 9 सदस्यों के साथ जांच में

कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में 25 जून 2025 को एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। कॉलेज के CCTV फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट ने इस जघन्य अपराध की पुष्टि की है। पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, और मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को और मजबूत किया गया है।

Jun 29, 2025 - 16:26
Jun 29, 2025 - 16:27
मेडिकल रिपोर्ट में चोट और खरोंच के निशान, CCTV में जबरदस्ती की पुष्टि; SIT अब 9 सदस्यों के साथ जांच में

घटना 25 जून 2025 को कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित गार्ड रूम में हुई। कॉलेज के CCTV फुटेज में दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक की करीब 7 घंटे की रिकॉर्डिंग है, जिसमें पीड़ित छात्रा को जबरदस्ती गार्ड रूम में ले जाने की घटना कैद हुई है। एक जांच अधिकारी ने बताया कि यह फुटेज छात्रा की लिखित शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि करता है।

पीड़ित छात्रा की मेडिकल जांच कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CNMC) में की गई, जिसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की गर्दन पर खरोंच के निशान हैं. छाती और जांघों के भीतरी हिस्सों में चोटें मिली हैं. रिपोर्ट में दर्ज है कि पीड़िता पीड़िता के साथ यौन और मौखिक उत्पीड़न किया गया है. डॉक्टरों ने साफ कहा है कि रेप से इनकार नहीं किया जा सकता.  

आरोपियों की गिरफ्तारी

पुलिस ने इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है:

  1. मनोजीत मिश्रा (31): मुख्य आरोपी, कॉलेज का पूर्व छात्र और अस्थायी फैकल्टी मेंबर।

  2. जैब अहमद (19): कॉलेज का छात्र।

  3. प्रमित मुखर्जी (20): कॉलेज का छात्र।

  4. पिनाकी बनर्जी (55): कॉलेज का सिक्योरिटी गार्ड, जिसके कमरे में यह अपराध हुआ।

26 जून को दो आरोपियों और शुक्रवार सुबह तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने इन तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। शनिवार को गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

जांच और SIT का गठन

मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया था, जिसमें शुरुआत में पांच सदस्य थे। शनिवार को इस टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर नौ कर दी गई। असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रदीप कुमार घोषाल इस जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।

मुख्य पुलिस अभियोजक सोरिन घोषाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, बलात्कार में सहायता करने वाले सभी व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों ने बलात्कार में मदद की, जिसके चलते इसे सामूहिक बलात्कार का मामला माना जा रहा है।

कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया

लॉ कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने कहा कि कॉलेज प्रशासन को इस घटना की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली। पीड़ित छात्रा या किसी अन्य ने कॉलेज प्रशासन से कोई शिकायत नहीं की थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के एक दिन बाद कैंपस में प्रवेश की अनुमति मांगी थी और ग्राउंड फ्लोर के दो कमरों को सील कर दिया था। चटर्जी ने सिक्योरिटी गार्ड की लापरवाही की बात भी स्वीकारी।

उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को कुछ महीने पहले अस्थायी फैकल्टी मेंबर के रूप में नियुक्त किया गया था, क्योंकि कॉलेज में परमानेंट स्टाफ की कमी थी।

विवादित बयान और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

TMC सांसद कल्याण बनर्जी के इस मामले पर दिए गए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, "अगर कोई दोस्त अपने दोस्त के साथ बलात्कार करता है तो क्या किया जा सकता है।" इस बयान से तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने खुद को अलग कर लिया। पार्टी ने एक X पोस्ट में स्पष्ट किया कि यह बयान बनर्जी का निजी है और पार्टी का रुख महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जीरो टॉलरेंस का है।

TMC स्टूडेंट विंग के प्रमुख तृणकुर भट्टाचार्य ने कहा कि मनोजीत मिश्रा पार्टी की स्टूडेंट विंग का जूनियर मेंबर था, लेकिन कॉलेज में TMC की कोई सक्रिय छात्र इकाई नहीं है।

वहीं, भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर TMC पर निशाना साधा। उन्होंने एक बंगाली न्यूज रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा कि इस मामले में TMC से जुड़ा एक व्यक्ति शामिल है।

बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपराजिता विधेयक (बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा) पारित किया गया था, लेकिन भाजपा ने इसे कानून बनने से रोक दिया। उन्होंने कहा, "एक महिला का शरीर आपकी राजनीति के लिए युद्ध का मैदान नहीं है।"

Yashaswani Journalist at The Khatak .