बाड़मेर में 383 किलो डोडा-पोस्त की आपूर्ति करने वाले आरोपी को 3 साल बाद गिरफ्तार: प्रतापगढ़ से फरार जीवन सिंह को धर दबोचा
बाड़मेर जिले की आरजीटी पुलिस ने धरभर अभियान के तहत प्रतापगढ़ के फरार आरोपी जीवन सिंह को गिरफ्तार किया, जो 2022 में 383.8 किलोग्राम डोडा-पोस्त की तस्करी के मामले में वांछित था। तीन साल तक फरारी काटने वाले आरोपी पर अंतरराज्यीय नशीले पदार्थ सप्लाई का आरोप है। गिरफ्तारी से नेटवर्क के अन्य सदस्यों के सुराग मिले हैं, और एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई होगी। यह मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता है।
बाड़मेर (राजस्थान), 3 नवंबर 2025:
जिले की आरजीटी पुलिस ने एक लंबे फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी जीवन सिंह पर 2022 में 383.8 किलोग्राम डोडा-पोस्त (मादक पदार्थ) की आपूर्ति का गंभीर आरोप था, जिसके बाद से वह तीन साल तक पुलिस की पकड़ से बचता रहा। प्रतापगढ़ जिले से फरार चल रहे इस आरोपी को अब धरकरभर अभियान के तहत पकड़ा गया है। यह कार्रवाई मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
घटना का पूरा विवरण: 2022 की बड़ी बरामदगी यह मामला बाड़मेर जिले से जुड़ा है, जहां 2022 में आरजीटी पुलिस ने एक सशक्त कार्रवाई की थी। उस समय पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग मादक पदार्थों की बड़ी खेप को जिले में सप्लाई करने की साजिश रच रहे हैं। तत्कालीन जांच के दौरान पुलिस ने 383.8 किलोग्राम डोडा-पोस्त जब्त की थी, जो अवैध रूप से राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से लाई जा रही थी। डोडा-पोस्त, जो अफीम के पौधे से प्राप्त एक नशीला पदार्थ है, युवाओं और समाज के कमजोर वर्गों के बीच नशे का प्रमुख स्रोत बन चुका है। इस जब्ती से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी के रूप में जीवन सिंह का नाम सामने आया, जो प्रतापगढ़ का निवासी है।जीवन सिंह पर नशीले पदार्थों की अंतरराज्यीय आपूर्ति का आरोप था। जांच एजेंसियों के अनुसार, वह प्रतापगढ़ से बाड़मेर और आसपास के जिलों में डोडा-पोस्त की सप्लाई का नेटवर्क चला रहा था। 2022 की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने न केवल पदार्थ जब्त किया, बल्कि आरोपी के कुछ सहयोगियों को भी हिरासत में लिया था। हालांकि, जीवन सिंह ने मौके से भागने में सफलता हासिल कर ली और उसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था और विभिन्न जिलों में तलाशी अभियान चलाए गए, लेकिन वह बार-बार नेटवर्क बदलकर बच निकलता रहा।
तीन साल की फरारी: कैसे पकड़ा गया आरोपी?तीन साल की लंबी फरारी के दौरान जीवन सिंह ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कई उपाय अपनाए। वह प्रतापगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में रहते हुए नाम बदलकर और छोटे-मोटे कामों में लगकर पुलिस की नजरों से बचता रहा। लेकिन आरजीटी पुलिस की लगातार निगरानी और खुफिया तंत्र ने आखिरकार कामयाबी हासिल की। धरभर अभियान, जो राजस्थान पुलिस द्वारा अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए चलाया जा रहा है, के तहत एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने प्रतापगढ़ जिले में छापेमारी की, जहां जीवन सिंह को उसके एक ठिकाने से धर दबोचा गया।गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से कुछ नकदी और दस्तावेज बरामद हुए, जो उसके नेटवर्क से जुड़े होने की पुष्टि करते हैं। पुलिस ने पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं, जिसमें अन्य संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं। जीवन सिंह को बाड़मेर लाकर पूछताछ की जा रही है, और उसके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।