"जोधपुर में कांग्रेस का हल्ला बोल: चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की बहाली को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन, BJP सरकार पर तीखा हमला"
जोधपुर में युवा कांग्रेस ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को पुनः शुरू करने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इस जनकल्याणकारी योजना का नाम बदलकर इसके लाभ को कम कर दिया है। उन्होंने मांग की कि योजना को मूल स्वरूप में बहाल किया जाए, अन्यथा सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। यह आंदोलन जोधपुर के साथ-साथ बिलाड़ा, पीपाड़ और अन्य क्षेत्रों में भी फैला।

जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में कांग्रेस नेताओं ने एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन के दौरान जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को पुनः बहाल करने की मांग की गई। यह योजना राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने शुरू की थी, जिसका उद्देश्य आम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना था, ताकि उन्हें इलाज के लिए वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े। इस योजना के तहत प्रदेश के लाखों लोगों को मुफ्त या कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच मिली।
हालांकि, वर्तमान भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर आयुष्मान भारत योजना के तहत शामिल कर लिया है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि इस बदलाव के बाद योजना के मूल लाभ और इसकी प्रभावशीलता में कमी आई है। पहले जहां लोगों को व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से मिल जाती थीं, वहीं अब नए नियमों और बदलावों के कारण कई लोग इन लाभों से वंचित हो रहे हैं। जोधपुर देहात युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पुखराज दिवराया के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर जोरदार विरोध जताया और ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि चिरंजीवी योजना को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए।
प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार इस जनकल्याणकारी योजना को फिर से शुरू नहीं करती और आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं दिला पाती, तो उसे सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की कई अन्य लोक-कल्याणकारी योजनाओं को भी बंद कर दिया है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है।
जोधपुर देहात के विधानसभा क्षेत्रों, जैसे बिलाड़ा और पीपाड़, में भी युवा कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किए। बिलाड़ा में विधानसभा अध्यक्ष अर्जुन सिंह बोचावत और नगर अध्यक्ष गोपाल सोनी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसी तरह, पीपाड़ में नेशनल कोऑर्डिनेटर मोहसिन गौरी और अन्य नेताओं ने इस योजना को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे और बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ेंगे। उनका कहना है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना न केवल राजस्थान के लोगों के लिए एक वरदान थी, बल्कि यह देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक मॉडल के रूप में देखी जाती थी। इस योजना के तहत अस्पतालों में मुफ्त इलाज, दवाइयां, और अन्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिससे गरीब परिवारों को आर्थिक बोझ से राहत मिली थी।
दूसरी ओर, भाजपा सरकार का दावा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को और व्यापक किया गया है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह केवल नाम का बदलाव है और इसका लाभ आम लोगों तक उतनी प्रभावी ढंग से नहीं पहुंच रहा, जितना चिरंजीवी योजना के तहत पहुंचता था। इस मुद्दे ने राजस्थान की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।
जोधपुर में यह प्रदर्शन न केवल स्वास्थ्य योजना को लेकर जनता की नाराजगी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कांग्रेस इस मुद्दे को आगामी राजनीतिक रणनीति के लिए एक बड़ा हथियार बनाने की कोशिश कर रही है। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी और प्रदर्शन के दौरान सरकार को चेतावनी दी कि जनता की मांग को अनदेखा करना उसे भारी पड़ सकता है।
यह खबर राजस्थान की राजनीति में एक बड़े मुद्दे के रूप में उभर रही है, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं और जनकल्याणकारी योजनाएं लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस का यह आंदोलन न केवल जोधपुर, बल्कि जैसलमेर, डूंगरपुर और अन्य जिलों में भी फैल रहा है, जहां कार्यकर्ता इसी तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं।
कुल मिलाकर, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर कांग्रेस का यह आक्रामक रुख और भाजपा सरकार पर लगाए गए आरोप राजस्थान की राजनीति को और गर्म करने वाले हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सरकार इस मांग का जवाब कैसे देती है और क्या यह मुद्दा जनता के बीच बड़ा राजनीतिक प्रभाव डाल पाता है।