महीप और सिप्पी की शादी में झलकी पूनिया की सियासी कमाई,जयपुर में उमड़ा दिलों का सम्मान और दिग्गजों का मेला
राजस्थान के भाजपा नेता सतीश पूनिया के बेटे महीप पूनिया की शादी में दिग्गज नेताओं और हजारों लोगों की उपस्थिति ने उनकी सादगी और लोकप्रियता को रेखांकित किया। 27 अप्रैल को जयपुर में आयोजित समारोह में पक्ष-विपक्ष के नेता शामिल हुए। 29 अप्रैल को उनके आवास पर शिवराज सिंह चौहान, मोहन यादव सहित कई हस्तियों ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। पूनिया की जनसेवा और सौम्यता ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाया।

जयपुर, 30 अप्रैल 2025: एक नेता की असली कमाई तब झलकती है, जब बिना किसी बड़े पद के उनके परिवार का समारोह जनसैलाब और दिग्गजों की महफिल में बदल जाए। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सितारे, डॉ. सतीश पूनिया, जिनकी सादगी और सौम्यता की हर कोई कायल है, ने अपने बेटे महीप पूनिया की शादी को एक ऐसी यादगार तस्वीर बना दिया, जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी। न विधायक, न सांसद, न ही मंत्री—फिर भी 27 अप्रैल को जयपुर के जवाहर सर्किल में उनके बेटे की शादी में हजारों लोगों का उमड़ना और 29 अप्रैल को उनके आवास पर दिग्गजों का तांता यह गवाही देता है कि पूनिया ने सियासत नहीं, लोगों के दिलों की कमाई की है। सियासत में पक्ष-विपक्ष का भेद होता है, लेकिन पूनिया ने अपने सरल स्वभाव से मनभेद मिटाकर सभी को एक मंच पर ला खड़ा किया। कम बोलने और काम में विश्वास रखने वाले इस नेता की यह कहानी हर दिल को छूने वाली है।
### महीप पूनिया: पिता की सादगी का आईना
महीप पूनिया, सतीश पूनिया के इकलौते बेटे, अपने पिता की तरह सादगी और संस्कारों का जीवंत प्रतीक हैं। जयपुर की गलियों में पले-बढ़े महीप ने प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा हासिल की और वकालत की डिग्री के साथ कानून के क्षेत्र में कदम रखा। एक वकील के रूप में वे अपने काम के प्रति समर्पित हैं, लेकिन उनका दिल सामाजिक कार्यों में भी रमता है। कम बोलने और काम करने की पितृवंशीय विरासत को संजोए महीप की शादी 27 अप्रैल को सिप्पी के साथ हुई, जो एक शिक्षित और संस्कारी परिवार की बेटी हैं। सिप्पी की सादगी और महीप का शांत स्वभाव इस जोड़े को खास बनाता है। इस समारोह में महीप की मुस्कान और पूनिया परिवार की मेहमाननवाजी ने हर किसी का दिल जीत लिया।
### विवाह समारोह: एक अनोखा संगम
27 अप्रैल को जयपुर के जवाहर सर्किल स्थित ईपी में आयोजित महीप और सिप्पी की शादी ऐसी थी, मानो राजस्थान का दिल धड़क रहा हो। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, असम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, और विपक्षी दलों के दिग्गज जैसे कांग्रेस के सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, और टीकाराम जूली की मौजूदगी ने इस आयोजन को एक राजनीतिक और सामाजिक महाकुंभ में बदल दिया। हजारों लोग, सैकड़ों चेहरे, और एक ही भाव—सतीश पूनिया के प्रति सम्मान और स्नेह।
पक्ष और विपक्ष का एक मंच पर आना भारतीय सियासत में दुर्लभ है, लेकिन पूनिया ने इसे सहज कर दिखाया। समाचार स्रोतों ने इसे “सादगी का उत्सव” करार दिया। हर मेहमान के चेहरे पर मुस्कान और पूनिया परिवार की आत्मीयता ने इस समारोह को एक ऐसी तस्वीर बना दिया, जो हर किसी के जेहन में हमेशा रहेगी।
### आवास पर दिग्गजों की महफिल: शिवराज और मोहन यादव की चमक
29 अप्रैल को सतीश पूनिया के जयपुर स्थित आवास पर दिग्गजों का मेला लगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिनकी सौम्यता की मिसाल दी जाती है, और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। उनके साथ मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, खेलमंत्री विश्वास सारंग, पूर्व खेलमंत्री यशोधरा राजे, खाद्य आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, राजस्वमंत्री करण सिंह वर्मा, उद्योगमंत्री राकेश शुक्ला, परिवहनमंत्री राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद संगीता यादव, और भाजपा नेत्री नितु डबास भी पहुंचे।
शिवराज ने पूनिया की संगठनात्मक प्रतिभा और जनसेवा की तारीफ करते हुए कहा कि उनका स्वभाव हर नेता के लिए प्रेरणा है। मोहन यादव ने पूनिया को “सच्चा जनसेवक” बताकर उनकी नजदीकी की सराहना की। पूनिया ने भावुक होकर कहा, “शिवराज जी का सान्निध्य प्रेरणादायक है; मोहन जी का प्यार अनमोल है। सभी मेहमानों ने हमें गौरवान्वित किया।” यह मुलाकात पूनिया की लोकप्रियता की चमक को और बढ़ा गई।
### सतीश पूनिया: सादगी का सूरज
चूरू के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे सतीश पूनिया का जीवन मेहनत और सादगी की मिसाल है। उनके पिता स्व. सुभाष चंद्र पूनिया सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिनसे उन्हें सेवा की सीख मिली। जयपुर के महाराजा कॉलेज से स्नातक, विधि स्नातक (एलएलबी), और राजस्थान विश्वविद्यालय से भूगोल में पीएचडी धारक पूनिया ने अपराध विज्ञान और श्रमिक कानून में डिप्लोमा भी हासिल किया। उनकी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता युवा मोर्चा से शुरू हुई।
1998 में उन्होंने 550 किलोमीटर की यात्रा कर 10 लाख लोगों को भाजपा से जोड़ा, जो राजस्थान के इतिहास में एक रिकॉर्ड है। 2018 में आमेर से विधायक बने और 2019 से 2023 तक राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 57 लाख नए सदस्य जोड़े, जिसका नतीजा 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के रूप में सामने आया। हरियाणा भाजपा प्रभारी के रूप में उनकी रणनीति ने हाल ही में वहां पार्टी को विजय दिलाई, जिसके लिए अमित शाह ने उनकी पीठ थपथपाई।
पूनिया की खासियत है—कम बोलना, काम में डूब जाना। भाषणबाजी या बयानबाजी उनकी शैली नहीं। 2024 में जन्मदिन पर उन्होंने भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ जवानों के साथ पौधे लगाए और नवजात बालिकाओं के लिए सुकन्या समृद्धि खाते खोले। अलवर में एक किसान सम्मेलन में चांदी का मुकुट मिला, तो उसे बालिका छात्रावास को दान कर दिया। ये छोटे-छोटे कदम उनकी सादगी और समाज से जुड़ाव की कहानी बयां करते हैं।
### सामाजिक और राजनीतिक चमक
यह समारोह पूनिया की सादगी और सौहार्द का उत्सव था। विपक्षी नेताओं की मौजूदगी ने साबित किया कि उन्होंने सियासत की दीवारों को तोड़कर दिलों को जोड़ा है। जाट समुदाय के एक मजबूत नेता के रूप में उनकी स्थिति और मजबूत हुई। राजस्थान और हरियाणा में जाट समुदाय का प्रभाव बड़ा है, लेकिन पूनिया ने हर वर्ग को गले लगाया। उनकी यह कला उन्हें एक कुशल और संतुलित नेता बनाती है।
### निष्कर्ष
सतीश पूनिया के बेटे महीप की शादी और उनके आवास पर शिवराज, मोहन यादव जैसे दिग्गजों का जमावड़ा एक ऐसी तस्वीर है, जो सादगी, स्नेह और समर्पण से रंगी है। यह आयोजन साबित करता है कि असली कमाई सत्ता या पद नहीं, लोगों का प्यार है। बिना किसी बड़े पद के पूनिया ने जो सम्मान कमाया, वह उनकी मेहनत और सौम्यता का तमगा है। यह समारोह उनकी सामाजिक और राजनीतिक ताकत का जश्न था, जो आने वाले समय में उन्हें और ऊंचाइयों तक ले जाएगा। सतीश पूनिया वह नाम, जो सादगी का सूरज बनकर हर दिल को रोशन कर रहा है।